- Paperback: 199 pages
- Publisher: Educreation Publishing (10 May 2019)
- Language: Hindi
साही और सुधीर की एक प्यारी सी कहानी है ‘साही & सुधीर’। एक दोस्त के महत्व को दर्शाती यह कहानी हमें अपनी सी लगती है।
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सुधीर एक शाँत मिज़ाज़ का लड़का है। वह पढ़ाई में होशियार होने के साथ चित्रकारी भी करता है। अपनी उम्र के बच्चों से थोड़ा अलग है। उसे दोस्ती नहीं लुभाती। लड़कियों से तो वह बात भी नहीं कर पाता। ऐसे में उसके जीवन में साही आती है। वह लड़की सुधीर की पहली मित्र बनती है, उसके जीवन को दिशा देने में योगदान देती है, उसे स्वयं को पहचानने में सहायता करती है, उसे प्रेम के भाव से परिचित करवाती है। यह दोस्ती में लिपटे प्रेम की मासूम कहानी हमें भाव विभोर करती है। इसमें दोस्ती की नव उमंग है, प्रेम की पावनता है, वियोग की पीड़ा है, जीवन की पहेलियाँ हैं। कब परिस्थितियों का रुख़ बदले, कोई नहीं जानता। फ़िर वो बदलाव हमें कैसे प्रभावित कर सकता है, यह पुस्तक में देखने को मिलता है।
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मैं लेखिका के इस पुस्तक को लिखने के प्रयास की सराहना करती हूँ। वाकई में सुधीर और साही की मनोरम कहानी हमें आनंदित करती है। कितनी सरलता से हम उनके किदारों को देख पाते हैं, उनकी कहानी में ख़ुद को देख पाते हैं। आसान भाषा के प्रयोग के साथ पुस्तक को क्लिष्टता रहित रखा गया है। एक खूबसूरत आवरण ने क़िताब में चार चाँद लगा दिए हैं। हालाँकि मैं कुछ कमियों को भी रेखांकित करना चाहूँगी:
1. व्याकरण संबंधी अशुद्धियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
2. वाक्य विन्यास में त्रुटियाँ हैं। हिंदी की पंक्तियों में अंग्रेज़ी शब्दोँ को डालना प्रवाह को बाधित करता है। भाषा की शुद्धता का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
3. कहानी को और दिलचस्प बनाया जा सकता था। साही और सुधीर के वियोग से लेकर पुनर्मिलन के भाग में और अधिक काम किया जा सकता था।
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कुल मिलाकर एक हल्के फुल्के अनुभव के लिए इस क़िताब को एक बार पढ़ा जा सकता है। आशा करती हूँ की भविष्य में लेखिका की और किताबें पढ़ने का अवसर प्राप्त हो।
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The book is coming soon in English. Watch out for it.
MY RATING: 2.5/ 5
Buy your copy: Sahi & Sudhir
Hello, Do you do book reviews of poetry books? Regards Komal Gupta.
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Yes, I do.
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👏👌😍
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