- Publisher : The Write Order Publications (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Paperback : 158 pages
प्रेम को परिभाषित करना कभी सरल नहीं हो सकता. किसी व्यक्ति को ठीक से समझ पाना और भी कठिन. जीवन निकल जीता है परन्तु प्रेम के एहसास से कई लोग वंचित रह जाते हैं.
यह कहानी है देवांश की जो अपने ही ऑफिस में काम करने वाले एक कर्मचारी की बेटी रूपाली की खूबसूरती पर मोहित हो जाता है। वह रईसजादा है जो रिश्तो में विश्वास नहीं करता। वह रूपाली को बलपूर्वक शादी के लिए राज़ी करवाता है. दरी सेहमी, उम्र में लगभग आठ साल छोटी रुपाली बेमन से शादी के लिए हां तो कर देती है लेकिन देवांश के प्रति कोई भावना उसके मन में नहीं होती। देवांश को लगता है की धन से सब कुछ खरीदा जा सकता है. पर रुपाली पैसों पर निछावर होने वाली लड़की नहीं थी. देवांश के कुटिल व्यवहार के सामने वह विवश है. उससे घृणा करने लगती है. फिर कैसे होगा प्रेमा का बीजारोपण जो इन दो विपरीत व्यक्तियों को करीब लाएगा?
प्रेम एक एहसास सीमा जैन का प्रथम उपन्यास है. समकालीन कल्पना पर आधारित यह कहानी देवांश और रुपाली के खिलते प्रेम की एक रोचक प्रस्तुति है. जहां हम देवांश के अकेलेपन और परिवार की स्तिथियों से उपजे रोष को देखते हैं, वहीँ एक पिता की लाचारी को भी महसूस करते हैं. रुपाली का डर व सकुचाहट भी देखने को मिलती है. साथ ही हमें प्रेम की सुन्दर छवि भी देखने को मिल जाती है.
भाषा सरल व सुगम है. हर पात्र को नियत स्थान दिया गया है जिसके बलबूते वे कहानी में अपना योगदान देते हैं. साथ हिज जिस प्रकार कहानी आगे बढ़ती है, पाठक स्वयं को कहानी से जुड़ा हुआ पाते हैं. मेरे अनुसार यह कहानी अनोखी न होकर काफी सामान्य सी पढ़ने में आती है. हालाँकि लेखिका के हिंदी लेखन के प्रयास को में नमन करती हूँ.
अगर आप भी हिंदी किताबों में रूचि रखते हैं, प्रेम की खट्टी मीठी कहानियों से रूबरू होना कहते हैं, तो ‘प्रेम एक एहसास’ को एक बार पढ़ सकते हैं.